इस तरह कला के रूप और अन्तर्वस्तु में एक अनुनाश्रय सम्बन्ध है।
3.
किसी भी वस्तु के दो भाग होते हैं-रूप और अन्तर्वस्तु form and content ।
4.
हम जिन नज़ारों को देखते हैं वे रूप और अन्तर्वस्तु में मौजूदा व्यवस्था की वैधता को ही हमारे ज़ेहन में उतारते हैं।
5.
इसे आप उनके यहाँ मौजूद रूप और अन्तर्वस्तु की ' डायलेक्टिक्स' भी कह सकते हैं और लोकतन्त्र का तक़ाज़ा भी, जिससे कि उनकी कविता की संस्कृति निर्मित होती है।
6.
इसे आप उनके यहाँ मौजूद रूप और अन्तर्वस्तु की ' डायलेक्टिक्स' भी कह सकते हैं और लोकतन्त्र का तक़ाज़ा भी, जिससे कि उनकी कविता की संस्कृति निर्मित होती है।
7.
इसे आप उनके यहाँ मौजूद रूप और अन्तर्वस्तु की ' डायलेक्टिक्स ' भी कह सकते हैं और लोकतन्त्र का तक़ाज़ा भी, जिससे कि उनकी कविता की संस्कृति निर्मित होती है।